BADE BHAI SAHAB
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November 08, 2012 7:30 pm Thursday
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कहानी बड़े भाईसाहब प्रेमचंद की उन प्रसिद्द रचनाओ में से एक हैं जो समाज के स्वरुप को यथार्थ और वास्तविकता के साथ प्रस्तुत करती हैं। इस कहानी में दो पात्र हैं एक छोटाभाई दूसरा बड़ाभाई जिनके माध्यम से लेखक ने दो अलग अलग तरह के मनोविज्ञान को प्रस्तुत किया हैं। बड़ा भाई जो रूढीवाद और परम्पराओ के पालन करने में कट्टर विश्वास रखता हैं और छोटा भाई जो परिस्थितियों के साथ परिवर्तित होकर अपनी ही तरह की जिंदगी जीने में विश्वास रखता हैं। बड़ा भाई परम्परावाद की ज़ंजीरो से अपने जीवन को इस तरह जकड लेता हैं कि कहानी के अंत तक आते आते उसे इन ज़ंजीरो से घुटन होने लगती हैं। वही लेखक ने शिक्षण व्यवस्था पर बड़े भाई साहब के माध्यम से अपनी अनूठी शेअली में व्यंग प्रस्तुत किया हैं। उदहारण के तौर पे बड़े भाई बहुत मेहनती हैं दिन रात पढ़ते हैं उसपर भी फेल होते जाते क्योकि वो किताबो से भी दो कदम आगे की सोचने लगते हैं उनके फेल होने का मुख्य कारण उनके खुद के बनाये सिद्धांत होते है। वही छोटा भाई समय और परिस्थिति के हिसाब से पढ़ता हैं और दनादन पास होता चला जाता हैं। अंत में थक कर बड़े भाईसाहब रूढ़ीवाद और खोखली परम्परा की दीवारों को लांघकर अपने छोटे भाई की कलाई थामे अपनी उमंगो और आकांक्षाओ की ओर दौड़ने लगते हैं।मुंशी जी ने भी इस कहानी से यही बताया है कि "परम्परा व्यक्ति के लिए होती हैं, व्यक्ति परम्परा के लिए नहीं "

The story of Premchand older brother, who is one of the famous Rcnao society Nature of reality with reality and present. The story of two Deserve a second Brabai Cotabai two different ways in which the author The psychology are presented. Big brother Rudiwad and traditions Staunch believer and younger brother to observe the conditions of Convert and believe in living life to its own kind. Bada bhai Jhnjiro of traditionalism would clench his life like the end of the story Driving up from her Jhnjiro these seem to be suffocated. Teaching the same author Through its unique system of big brother in Seali presented Cartoons Done. For example at night, read her older brother are very diligent There are also fell from books, since they seem to think two steps ahead of their The main cause of failure are the principles that made their own. While the younger brother Reads according to the situation and would have a quick moves. Finally Big Brother Rudhiwad tired and hollow cross the walls of tradition Little brother holding his wrist Umngo and start running toward Akancshao. Munshiji This story is also told that "tradition is for the individual, the individual For tradition "..

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THE RECYCLE BIN
A student art group of university of Hyderabad . We are in constantly organizing in theatre festivals , movies screening, painting exhibition and seminar on art & culture..